अभी खरीदें...!! लोक देवता श्री देव नारायण भगवान जी की शौर्यगाथा एवं उनके पूरे वंश के इतिहास की पुस्तक:- बगड़ावत देवनारायण महागाथा जो कि मूल राजस्थानी भाषा मे ही प्रकाशित हैं जिनकी लेखिका रानी लक्ष्मीकुमारी चुंडावत है। उन्होने किताब मे स्पष्ट किया है की यह महागाथा भगवान के भक्तो द्वारा मौखिक रूप से गायी जानें महागाथा पर और अनुसंधान करके प्रकाशित किया है। इस किताब में भगवान देवनारायण जी एवं उनके पूरे वंश इतिहास प्रकाशित हैं। बगड़ावत देवनारायण महागाथा मौखिक रूप में ही गायी जाती रही है। प्रस्तुत ग्रन्थ का आधार भी मौखिक ही रहा है और इसी रूप में इसे प्रकाशित किया गया है। इसे पढ़ते समय भाषा, इतिहास, घटना और रचनाकाल का लेकर कई प्रश्न पाठक के मन में पैदा होते है। मैं स्पष्ट कर देना चाहती हूँ कि यह शुद्ध लोकसाहित्य है। रानी लक्ष्मीकुमारी चूण्डावत बगड़ावत देवनारायण महागाथा हमारी धार्मिक पुस्तक है जो हमारे घर में होनी चाहिए जिससे की हमारी संस्कृति और इतिहास से रुबरू हो सके हम अपने इतिहास और संस्कृति पर गर्व कर सके। ज्ञान की ओर अग्रसर ह...
लेखक - धर्मवीर भारती अभी खरीदे - Shop Now संक्षेप में: धर्मवीर भारती के इस उपन्यास का प्रकाशन और इसके प्रति पाठकों का अटूट सम्मोहन हिन्दी साहित्य-जगत् की एक बड़ी उपलब्धि बन गये हैं। दरअसल, यह उपन्यास हमारे समय में भारतीय भाषाओं की सबसे अधिक बिकने वाली लोकप्रिय साहित्यिक पुस्तकों में पहली पंक्ति में है। गुनाहो का देवता मध्यम वर्गीय भारतीय समाज के एक साधारण परिवार की कहानी है। कहानी तीन मुख्या किरदारों के इर्द गिर्द ही घूमती हैं। यह है सुधा, चन्दर और पम्मी. प्रेम, समर्पण और समाज के बंधनो की कहानी है गुनाहो का देवता. साधारण भाषा में लिखी गयी यह पुस्तक समाज का दर्पण दिखती है. लेखक ने इतने सरल दृष्टान्त बनाये हैं की किरदारों से एक जुड़ाव सा महसूस होने लगता है। समीक्षा - यह किताब मुझे एक पुस्तक प्रेमी द्वारा सुझाई गयी थी। उसे यह सुनके पहले तो बड़ा आश्चर्य हुआ की मैंने न तो इस पुस्तक के बारे में सुना था और न पढ़ा था। उसका कहना था की मेरे जैसे पुस्तक प्रेमी को ऐसी किताब जरूर पढ़नी चाहिए। लगभग उसी समय सौभाग्यवश मेरी एक दोस्त दिल्ली पुस्तक मेला में गयी थी। मैंने यह किताब...
किताब --- राग दरबारी लेखक --- श्री लाल शुक्ल अभी खरीदें.... अभी खरीदें Shop Now.... Shop Now ..... ये भी रोचक है कि श्रीलाल शुक्ल ने कुल 25 किताबें लिखी है लेकिन 'राग दरबारी' उनके लिए वो मील का पत्थर बन गई जो अब चाह के भी पाया नहीं जा सकता. उनकी पहली किताब ‘अंगद का पांव’ भी मशहूर हुई थी. इस उपन्यास में व्यंग्य के सहारे ग्रामीण भारत और सरकारी तंत्र का जो खाका श्रीलाल शुक्ल ने खींचा है, उसकी बराबरी नहीं हो सकती. साल 2011 में जब श्रीलाल शुक्ल का निधन हुआ तो हिंदी के बड़े आलोचक और हिंदी के प्रख्यात आलोचक नामवर सिंह ने कहा कि 'राग दरबारी' जैसे उपन्यास के लेखक श्रीलाल शुक्ल को इतनी देर से ज्ञानपीठ पुरस्कार देने के लिए ज्ञानपीठ अकादमी को पश्चात्ताप करना होगा. श्रीलाल शुक्ल ने 'राग दरबारी ' से पहले भी बहुत कुछ लिखा ही है और उसके बाद भी लिखते रहे लेकिन शुक्ल की दो दर्जन से ज्यादा की किताबों में भी कैसे 'राग दरबारी' अलग तरह से चीन्ही गयी , पहचानी गयी , ये उस किताब की ख़ूबी है. वक्त के साथ इसे सोलह भाषाओं में छापा गया और हर साल एक से ज्यादा संस्करण आए. यही इसकी...
पुस्तक समीक्षा -- ठीक तुम्हारे पीछे "ठीक तुम्हारे पीछे" अभिनेता और लेखक मानव कौल का कहानी संग्रह है। कहानी संग्रह में कुल बारह कहानियां हैं।इन कहानियों में एक गहराई है। सब कुछ सतही तौर पर पकड़ में नहीं आता। हर कहानी में शुरुआत, मध्य, अंत, रोचकता, थ्रिलर वाला अंत ढूंढने की कोशिश करेंगे तो आप निराश होंगे। अगर आपकी चेतना का एक विशेष स्तर नहीं है, यदि आपका बौद्धिक स्तर कमजोर है तो आप कहानियों को समझ नहीं पाएंगे। यानी यह कहानियां मास ऑडियंस के लिए न होकर एक ख़ास पाठक वर्ग के लिए हैं। किताब "ठीक तुम्हारे पीछे" की कुछ कहानियों को छोड़ दें तो बाक़ी कहानियां बहुत आसानी से हर समकालीन समाज में रहने वाले, जीने वाले मनुष्य से संबंधित दिखाई पड़ती हैं। मानव कौल की इन कहानियों की सबसे बड़ी खासियत यही है कि यह आतंकित नहीं करतीं। किसी एक विचारधारा का प्रचार नहीं करतीं, कोई क्रांति, बदलाव का झंडा बुलंद नहीं करतीं। यह सिर्फ़ और सिर्फ़ आज के समाज और इसमें रह रहे लोगों की मनोदशा पर बात करती हैं। एक नौकरीपेशा युवक, एक शादीशुदा युवक, एक तलाक़ की तरफ़ बढ़ रहे दंपति के सामने क्या संघर्ष ...
12th fail किताब का नाम - 12th फेल लेखक- अनुराग पाठक प्रकाशक - Neolit Publications कुल पन्ने - 175 रेटिंग - 4/5 स्टार्स अनुराग पाठक जी की लिखी हुई किताब '12th फेल' एक ऐसे लड़के की सच्ची कहानी हमे बताती है, जिसके साथ हिंदुस्तान का हर एक युवा खुद को कही ना कही जुड़ा हुआ महसुस करेगा। चाहे वो मुद्दा भ्रष्टाचार का हो, हमारे देश की कमजोर शिक्षा व्यवस्था का हो या फिर बढ़ती बेरोजगारी का, अनुराग जी की ये किताब हर उस पहलु को हमारे सामने रखती है जिनके बारे मे लोगो का जागरुक होना आवश्यक है, ताकि उन समस्याओ का समाधान निकाला जा सके। ये कहानी मध्यप्रदेश के एक छोटे से गांव बिलग्राम की हैं, जहा मनोज शर्मा नाम का एक लड़का रहता है जो अपनी बारहवी की परीक्षा के लिये तैयारी कर रहा है। लेकिन उसका ध्यान पढ़ाई से ज्यादा नकल करने मे रहा है, और इस बार भी वो यही सोच कर खुश है की वह नकल करके पास हो जायेगा। पर बदकिस्मती से उस दिन SDM दुस्यंत सिंह की कड़ी आदेशों की वजह से वो नकल नही कर पाता। और फिर कुछ दिनो बात उसे पता चलता है की वह ब...
किसी भी, देश के लोकतंत्र का नया अध्याय तानाशाही के अंत से शुरू होता है यानी कि, लोकतंत्र ख़त्म करता है तानाशाही * लेकिन, लोकतंत्र भारत के संदर्भ में तानाशाही को ख़त्म नहीं करता लोकतंत्र भारत के संदर्भ में तानाशाही को महज़ कम करता है * तानाशाह, दानव जैसा होता है ! * और, भारत में इसका मुक़ाबला करने की कोशिश कर रहा है, एक बीमार मानव जैसा कमज़ोर लोकतंत्र । * आज, भारत का आम आदमी मूलभूत सुविधाओं के लिए जी नहीं रहा, बल्कि जंग लड़ रहा है! * उसके पेट में रोटी नहीं है उसमें ताकत नहीं है और आप चाहते हैं कि वह लोकतंत्र की बात करें तानाशाह से लड़ें ! * हालाँकि, आज वही हालात हैं जिनमें लोकतंत्र की बात की जाती है * मगर, तानाशाह ने आम आदमी का जो हाल कर रखा है वहाँ रोटी के आगे और कुछ दिखता ही नहीं है * कैसे भी करके जीवन बसर करने की चुनौती इतनी बड़ी है आज कि आम आदमी की सोच पर यहीं पूर्ण विराम लग जाता है * भारत में, तानाशाह का एक नया वेरिएंट है जो क्रूर होने के साथ ही बहुत शातिर और चाला...
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